विषय
- #क्रिएटर्स का अस्तित्व
- #मीडिया में बदलाव
- #टिकटॉक का बाहर होना
- #प्लेटफॉर्म में विविधता
- #अमेरिका का प्रभाव
रचना: 2024-06-26
रचना: 2024-06-26 11:46
अमेरिका में प्रभाव बहुत ज़्यादा है
सुरक्षा कारणों से बाहर निकालने की तैयारी
पिछले साल ई-कॉमर्स से 21 ट्रिलियन कमाया
मार्च 13, 2024 को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने 'टिकटॉक' पर प्रतिबंध लगाने वाले बिल को पारित कर दिया। इसके बाद से टिकटॉक अमेरिका से बाहर होने के कगार पर है।
अमेरिका में टिकटॉक के 17 करोड़ यूज़र हैं, जिससे अमेरिका में टिकटॉक का प्रभाव बहुत ज़्यादा है। क्या टिकटॉक का बाहर निकलना संभव है?
जवाब है हाँ। भारत का उदाहरण देखकर हम समझ सकते हैं कि यह पूरी तरह से संभव है। भारत ने 2020 में ही टिकटॉक पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था। 15 करोड़ यूज़र वाले भारत में चीन के साथ सीमा विवाद बढ़ने पर टिकटॉक के साथ-साथ वीचैट जैसे 50 से ज़्यादा चीनी ऐप पर स्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया था।
भारत में सीमा विवाद एक बड़ा कारण था, लेकिन अमेरिका टिकटॉक को बाहर क्यों निकालना चाहता है?
पहला कारण है 'सुरक्षा'। अमेरिकी राजनीति में यह आशंका जताई जा रही है कि बाइटडांस चीन सरकार के अधीन है और अमेरिकी टिकटॉक यूज़र का डेटा चीन को दे सकता है।
यानी अमेरिका की 'राष्ट्रीय सुरक्षा', 'डेटा सुरक्षा', और 'व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा' टिकटॉक को बाहर निकालने के पीछे आधिकारिक कारण हैं।
टिकटॉक को बाहर निकालने का एक और कारण यह है कि अमेरिका में इसका प्रभाव 'बहुत ज़्यादा' बढ़ गया है।
पिछले साल टिकटॉक ने ई-कॉमर्स से 21 ट्रिलियन डॉलर कमाए। कहा जाता है कि 'टिकटॉक का प्रतिस्पर्धी दूसरे सोशल मीडिया नहीं बल्कि ई-कॉमर्स क्षेत्र है'। अमेरिका में टिकटॉक का प्रभाव सोशल मीडिया से बढ़कर ई-कॉमर्स को भी प्रभावित कर रहा है।
2009 से फेसबुक, ट्विटर जैसी अमेरिकी कंपनियां चीन सरकार की सेंसरशिप नीतियों के कारण अमेरिका में प्रभाव डालने की तो बात ही छोड़िए, वहां काम भी नहीं कर पा रही थीं। लेकिन चीनी कंपनी अमेरिका में इतना प्रभाव डाल रही है, जो 'निष्पक्षता' के खिलाफ लग सकता है।
अगर टिकटॉक अमेरिका से बाहर हो जाता है तो क्या बदलाव आएंगे? सबसे पहले अमेरिकी संगीत और मनोरंजन उद्योग में बड़ा बदलाव आएगा।
टिकटॉक का संगीत उद्योग पर बहुत प्रभाव पड़ा है। आपने देखा होगा कि टिकटॉक से नए कलाकार बिलबोर्ड चार्ट में आते हैं, और पुरानी रिलीज़ हुई गानों को टिकटॉक से नई लोकप्रियता मिलती है और फिर से बिलबोर्ड चार्ट में आते हैं।
इस प्रभाव को देखते हुए बिलबोर्ड ने 'टिकटॉक टॉप 50' चार्ट भी बनाया था। अगर टिकटॉक बाहर हो जाता है तो कलाकारों को नए तरीके से अपने संगीत का प्रचार करना होगा। आप सोच सकते हैं कि रील्स और शॉर्ट्स इसका विकल्प हो सकते हैं, लेकिन रील्स और शॉर्ट्स में 'संगीत चुनौती' की संस्कृति कम है।
लोग इंस्टाग्राम के फ़ीड पर परफ़ेक्ट चीज़ें अपलोड करना पसंद करते हैं, जबकि मज़ेदार और कमज़ोर संगीत चुनौती के वीडियो अपलोड करना पसंद नहीं करते हैं। शॉर्ट्स में भी लोग ज़्यादा कंटेंट बनाते नहीं हैं बल्कि देखते ज़्यादा हैं। इसलिए रील्स और शॉर्ट्स में 'स्वैच्छिक डांस चैलेंज' की उम्मीद कम है और संगीत बाज़ार को नए तरीके से मार्केटिंग के तरीके खोजने होंगे।
एक और बदलाव यह होगा कि टिकटॉक क्रिएटर दूसरे प्लेटफ़ॉर्म पर जाएँगे, जिससे रील्स, शॉर्ट्स जैसे अमेरिकी प्लेटफ़ॉर्म का प्रभाव और बढ़ जाएगा। और दूसरे प्लेटफ़ॉर्म टिकटॉक क्रिएटर को अपनी तरफ़ आकर्षित करने के लिए इनाम, यानी 'पैसा' ज़्यादा देंगे। 'क्रिएटर भर्ती की जंग' शुरू हो चुकी है लेकिन टिकटॉक के बाहर होने पर यह और भी तेज हो जाएगी।
इस मौके का फ़ायदा उठाकर नए शॉर्ट वीडियो प्लेटफ़ॉर्म भी आ सकते हैं। टिकटॉक की जगह लेते हुए ये प्लेटफ़ॉर्म 'सुरक्षा' का पूरा वादा कर सकते हैं। टिकटॉक के बाहर होने पर दूसरे प्लेटफ़ॉर्म पर भी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए ज़्यादा सख्त नियम और निगरानी का आदेश आ सकता है।
टिकटॉक के लिए सबसे खराब स्थिति यह होगी कि वह अमेरिका से बाहर हो जाए और उसके सहयोगी देश भी ऐसा ही करें। पिछले साल अमेरिका ने सरकारी उपकरणों पर टिकटॉक का इस्तेमाल बंद करने का आदेश दिया था, जिसके बाद ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भी ऐसा ही किया था। अमेरिका से बाहर होने के बाद अगर सहयोगी देश भी ऐसा करते हैं तो टिकटॉक के लिए यह घातक होगा।
अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने को लेकर लोगों की क्या प्रतिक्रिया है? अमेरिकी टिकटॉक क्रिएटर और छोटे व्यापारी टिकटॉक पर प्रतिबंध लगने से अपनी आजीविका पर खतरा बता रहे हैं और 'टिकटॉक पर प्रतिबंध के खिलाफ़ प्रदर्शन' कर रहे हैं। दूसरी तरफ़, संबंधित लेखों के कमेंट्स में लोगों की प्रतिक्रिया को देखते हैं तो 'टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए' वाले कमेंट को सबसे ज़्यादा पसंद किया गया है।
30 साल के ब्रैंडन हर्स्ट जो टिकटॉक पर पौधे बेचते हैं, कहते हैं, 'अगर टिकटॉक पर प्रतिबंध लग गया तो मेरी और कई छोटे व्यापारियों की दुकानें बंद हो जाएँगी।' वे कहते हैं, 'राजनेता समझ नहीं पा रहे हैं कि वे जो कर रहे हैं, उससे केवल कंटेंट क्रिएटर को ही नुकसान नहीं हो रहा है, बल्कि छोटे व्यापारियों को भी नुकसान हो रहा है।'
यह भी कहा गया है कि टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का कानून अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन का उल्लंघन करता है, जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लेख है। बहुत से अमेरिकी टिकटॉक के ज़रिए अपनी राय रखते हैं और उनका मानना है कि टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोकता है।
एक क्रिएटर के तौर पर मैं 'अमेरिका में टिकटॉक पर संकट' की स्थिति को देखते हुए कुछ बातों को याद दिलाना चाहता हूँ। पहली बात यह है कि किसी एक 'प्लेटफ़ॉर्म' पर निर्भर रहना जोखिम भरा होता है।
यह बात सिर्फ़ टिकटॉक के लिए ही नहीं है, बल्कि हाल ही में भारत में 'ट्विच सेवा बंद' होने के उदाहरण से भी समझा जा सकता है। जिन क्रिएटर ने किसी एक प्लेटफ़ॉर्म पर निर्भर रहना था, वे एकाएक अपनी आजीविका खोने के खतरे में पड़ गए।
इस जोखिम को कम करने के लिए क्रिएटर को पहले से ही तैयारी करनी चाहिए। अगर उन्होंने किसी एक प्लेटफ़ॉर्म पर फैन बनाए हैं तो उन्हें दूसरे प्लेटफ़ॉर्म पर भी फॉलो करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जिससे जोखिम कम हो सके।
इससे जुड़ा दूसरा सबक यह है कि अब क्रिएटर को 'अपना प्लेटफ़ॉर्म बनाना होगा'। प्लेटफ़ॉर्म खुद ही बंद होने के खतरे में है और क्रिएटर को पता भी नहीं चलता कि 'एल्गोरिथम' से वे पूरी तरह से बाहर हो जाएँगे और उनका चैनल बंद हो जाएगा।
अब इंस्टाग्राम, टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को 'अपने समुदाय को इकट्ठा करने के लिए विज्ञापन के बोर्ड' की तरह सोचना चाहिए और अपना प्लेटफ़ॉर्म बनाकर समुदाय को खुद संभालना चाहिए। इस तरह से क्रिएटर अपना प्लेटफ़ॉर्म बनाकर और उसे मज़बूत करके खुद को सुरक्षित कर सकते हैं और अपने फैन के साथ मिलकर निरंतर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
टिकटॉक का भविष्य अभी तय नहीं हुआ है। अगर प्रतिनिधि सभा में पारित बिल सीनेट से भी पास हो जाता है और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से लागू हो जाता है, तो टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार के मूल कंपनी 'बाइटडांस' को 6 महीने के अंदर टिकटॉक को बेचना होगा। नहीं तो टिकटॉक अमेरिकी ऐप स्टोर से पूरी तरह से गायब हो जाएगा।
टिकटॉक की 'कीमत', यानी कंपनी का मूल्य 600 अरब डॉलर (लगभग 80 ट्रिलियन रुपये) से ज़्यादा आंका जा रहा है। 6 महीने में 80 ट्रिलियन रुपये से ज़्यादा की कंपनी बेचना संभव नहीं लगता। इसलिए, यह संभावना ज़्यादा है कि यह बाहर हो जाएगा, लेकिन इसका भविष्य अभी भी अनिश्चित है।
जब तक भाग्य का फैसला नहीं हो जाता, तब तक टिकटॉक क्रिएटर को तेज़ी से काम करना होगा। कई प्लेटफ़ॉर्म पर काम करने के साथ-साथ उन्हें अपना प्लेटफ़ॉर्म बनाना और समुदाय बनाना शुरू कर देना चाहिए।
हो सकता है कि पुरानी सफलता फिर न मिले। दूसरे प्लेटफ़ॉर्म पर जाने पर 'एल्गोरिथम' आपको चुन ना भी सके। लेकिन हमें लगातार 'बदलाव' के अनुकूल होना होगा और नए 'ज़िंदा रहने के तरीके' खोजने होंगे।
यह सिर्फ़ टिकटॉक क्रिएटर के लिए ही नहीं बल्कि सभी के लिए याद रखने लायक बात है। 'ज़िंदगी में कई तरह के बदलाव' सभी के साथ होते हैं, इसलिए हमें यह सबक याद रखना चाहिए।
संकट के समय उन्नति भी होती है। टिकटॉक और उसके क्रिएटर इस संकट से कैसे उबरेंगे, यह देखना होगा।
※ यह लेख लेखक द्वारा लिखा गया है और महिला अर्थव्यवस्था समाचार पत्र का लेखसे लिया गया है।
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