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durumis AI द्वारा संक्षेपित पाठ
- यह जानकर हैरान हो गया कि जोहान हारी की पुस्तक "स्टोलन फोकस" से पता चला कि एकाग्रता में कमी व्यक्तिगत प्रयासों की कमी नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया जैसी सामाजिक प्रणालियों की समस्या है।
- लेखक तर्क देते हैं कि सोशल मीडिया कंपनियों के "सर्विलेंस कैपिटलिज्म" पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और सस्ते प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से भरे सुपरमार्केट सिस्टम को बदलना चाहिए, और यह तर्क देते हैं कि एकाग्रता में कमी एक सामाजिक महामारी है।
- एकाग्रता की कमी केवल एक व्यक्तिगत समस्या से परे है, यह लोकतंत्र को खतरे में डालता है और एक ऐसा समाज बनाता है जहाँ विचारों का सही आदान-प्रदान नहीं हो सकता, इसलिए संस्थागत उपायों की तत्काल आवश्यकता है।
एकाग्रता क्षीण होण्याची साथ